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Madhushala

Vartaman Paripreksya mein Eka Nutan Kavya by: Balram Singh

266.00

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Details

ISBN: 9788124611135
Year Of Publication: 2023
Edition: 1st
Pages : 96
Language : Hindi
Binding : Hardcover
Publisher: D.K. Printworld Pvt. Ltd.
Foreword By : Subhash Kak
Size: 22
Weight: 200

Overview

इस पुस्तक में हरिवंशराय बच्चन की मूल मधुशाला की प्रेरणा का पुनर्जागरण किया गया है, जिसमें प्रोफेसर बलराम सिंह ने अपनी वैज्ञानिक दृष्टि से सामाजिक बहुरसता को आधार मानकर उसकी गुत्थियों को हाला के माध्यम से सुलझाने का एक अप्रत्याशित प्रयास किया है। प्रो॰ सिंह की दूरदृष्टि में एक ओर भारतीय ग्रामीण अंचल और दूसरी ओर अमेरिका की आधुनिक ज्ञानधानी व सांस्कृतिक गढ़, बोस्टन, रहा है, जिसकी छाप मधुशाला छन्दों पर स्वाभाविक रूप से निखरती दिखती है। आपने कोरोना महामारी से लेकर जीवन-दर्शन तक को शिक्षा-दीक्षा, स्त्री-पुरुष, देश और सत्ता, ज्ञान-विज्ञान, व प्रकृति-दर्शन जैसे विषयों में पिरोते हुए एक आधुनिक छवि प्रस्तुत की है। ऐसे काल में ऐसी रचना की प्रासंगिकता निश्चित सिद्ध होगी।

Contents

शुभाशंसा

आमुख

अभिमत

दो शब्द

सम्बोधन

भूमिका

प्रस्तावना

1. हाला

2. महामारी

3. शिक्षा-दीक्षा

4. जीवन

5. स्त्री-पुरुष

6. मनःस्थिति

7. ज्ञान-विज्ञान

8. जीवन-दर्शन

9. प्रकृति-दर्शन

10. समाज

11. देश और सत्ता

12. कवि-भाव

13. मधुशाला प्रभावित उद्गार

Meet the Author
Books of Balram Singh

“Madhushala”


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