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भारतीय संघ

प्रतिरोध एवं समायोजन की राजनीति by: कुलदीप शर्मा , विश्वनाथ मिश्र

प्रस्तुत पुस्तक भारतीय संघ निर्माण की प्रक्रिया में जूनागढ़, हैदराबाद, सिक्किम, मणिपुर, गाेवा एवं कश्मीर प्रान्ताें के अन्तर्निहित प्रतिराेध एवं समायाेजन की नीति का विश्लेषणात्मक अध्ययन प्रस्तुत करते हुए इसकी केन्द्राेंमुखी एवं प्रान्ताेंमुखी प्रवृतियाें के साथ समायाेजी धारा का उद्घाटन करती है।

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Details

ISBN: 9788124612132
Year Of Publication: 2023
Edition: 1st
Pages : x, 206
Bibliographic Details : Bibliography; Index
Language : Hindi
Binding : Hardcover
Publisher: D.K. Printworld Pvt. Ltd.
Foreword By : Kuldeep Sharma
Size: 23
Weight: 450

Overview

यह पुस्तक भारतीय संघ निर्माण की प्रक्रिया में अन्तर्निहित प्रतिराेध एवं समायाेजन की नीति का विश्लेषणात्मक अध्ययन प्रस्तुत करते हुए इसकी केन्द्राेंमुखी एवं प्रान्ताेंमुखी प्रवृतियाें के साथ समायाेजी धारा का उद्घाटन करती है। स्वतंता के पश्चात् अाैपनिवेशिक सत्ता संरचना में अाये परिवर्तन एवं उभर रही सांप्रदायिक प्रवृतियाें के बीच विभिन्न समूहाें के पहचान संबंधी प्रतिस्पर्धी दावे, मांगाें के दबाव में उलझी विकास की राजनीति एवं दलीय तथा वैचारिक निष्ठा से उत्पन्न चुनाैतीपूर्ण परिस्थितियाें के बीच नेहरु सरकार से लेकर माेदी सरकार तक भारतीय संघवाद के विकास याा की यह पुस्तक गहन मीमांसा प्रस्तुत करती है। साथ ही साथ इस पुस्तक में भारतीय संघवाद के विकास याा में ब्रिटिश उपनिवेशवाद, पुर्तगाली उपनिवेशवाद, शीत युद्ध की राजनीति, संप्रदाय अाधारित जातीय पहचान एवं व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से प्रेरित स्वायत्तता बाेध की जटिल रणनीतिक समीकरणाें काे भी समझने का प्रयास किया गया है।

Contents

आभार 
प्राक्कथन 
1. जूनागढ़ 
ऐतिहासिक परिचय
जूनागढ़ की समस्या का स्वप
साम्राज्यवादी सेना का दृष्टिकोण
जनमत संग्रह

2. हैदराबाद 
ऐतिहासिक परिचय
हैदराबाद की समस्या
असमंजस की स्थिति एवं पुलिस एक्शन

3. सिक्किम 
ऐतिहासिक परिचय
सिक्किम में अंग्रेज़ों का प्रवेश
साम्राज्यवाद के बाद अनिर्णय
भारतीय संघ की सकारात्मक पहल
अन्तर्राष्ट्रीयकरण की चाल असफल
जनमत संग्रह और विलय

4. मणिपुर 
ऐतिहासिक परिचय
ब्रिटिश सम्पर्क
ियों का सशक्त प्रतिरोध
स्वतन्ता के बाद
भारतीय संघ में विलय

5. गोवा मुक्ति 
ऐतिहासिक परिचय
समस्या की जटिलता
गोवा प्रकरण पर ब्रिटेन एवं पुर्तगाल की आपसी सन्धियों का प्रभाव
गोवा एवं भारत पर पुर्तगाल का आधिकारिक दृष्टिकोण
गोवा का मुक्ति संघर्ष
संयुक्त राष्ट्र संघ के लोकतािन्करण में गोवा संकट की भूमिका

6. कश्मीर 
ऐतिहासिक परिचय
सामरिक महत्त्व
कबायली आक्रमण
जम्मू और कश्मीर का भारत में विलय
कश्मीर को समस्या बनाने में औपनिवेशिक शक्तियों का योगदान
अनुच्छेद 370: कश्मीर की स्वायत्तता बनाम भारतीय पहचान की हिन्दूवादी व्याख्या

परिशिष्ट 1 

परिशिष्ट 2 

परिशिष्ट 3 

परिशिष्ट 4 

सन्दर्भ ग्रन्थ-सूची 

शब्दानुक्रमणिका 

Meet the Author
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Books of विश्वनाथ मिश्र

“भारतीय संघ”


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