Shakti Upasana...
Shakti Upasana
by: Chaman Lal Raina$20.00
ISBN: 9788124611999
Year Of Publication: 2023
Edition: 1st
Pages : 184
Bibliographic Details : Bibliography
Binding : Hardcover
Publisher: D.K. Printworld Pvt. Ltd.
Foreword By : Sudhir Sopory Padmashri
Size: 23
Weight: 255
“प्रस्तुत ग्रन्थ “शक्ति उपासना” का वैभव राजानक महेश्वर राज़दान ने सायुज्य याेग के लिए शारदा लिपि के अन्तर्गत 126 दिव्य-नामावली के गुंथन में समर्पित किया है। चिन्मयी भैरवी के इस महामन् त्र काे ईश्वरस्वरूप स्वामी लक्ष्मण जी महाराज ने 1934 ईस्वी से संजाेए रखा अाैर तत्पश्चात् उनकी परम शिष्या याेगिनी शारिका देवी जी काे प्रदान किया। तत्पश्चात् सुश्री याेगिनी प्रभाजी ने इसे संजाेए रखकर देवनागरी लिपि में प्राेफेसर पुष्पजी से रूपान्तरित करवाकर महती कृपा की है। शक्ति उपासना के अन्तर्गत इच्छा, ज्ञान, क्रिया, शक्ति के नादानुसन्धान का उच्चारण क्रमिक है। चिन्मयी भैरवी शिव तथा शिवानी का एकात्म भाव स्वरूप है, अतः ित्रक शास् त्र की दृष्टि में सर्वाेपरि है, क्याेंकि सर्वव्यापी शक्ति विद्या-स्वरूपिणी है। प्रकाश तथा विमर्श सनातन शक्ति का ही प्रसार है। यामी शक्ति विश्वात्मिका हाेने के साथ अमृतेश्वरी का रूप धारण करके भक्ति, याेग तथा दैवी सम्पदा की अाेर स्फुरित हाेती है। अाद्या शक्ति चिन्मयी भैरवी निरन्तर स्फुरण करती है। शक्ति उपासना में ित्रपुर भैरवी श्रीप्रदा ज्ञान के द्वारा ज्ञाता के रूप में तथा ज्ञेय काे एक सूत्र में पिराेती हुई अमृत का पान कराती है। देवी का वरदान एवं सन्धिनी–ह्लादिनी शक्ति की अभय-मुद्रा उमा से कामेश्वरिप्रिया का प्रसार ही है। भुवन-मालिनी का रूप धारण करती हुई माेक्षप्रदा अमृतेश्वरी साधक के लिए ज्ञानाङ्ग एवं मन् त्र दीपिका है। शिव तथा शिवानी का एकात्मस्वरूप जानना मृत्यु से माेक्ष प्राप्ति का शाक्त अनुसन्धान है। “
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