काव्यकला
by: Laxmi Narayana GuptOriginal price was: ₹995.00.₹895.00Current price is: ₹895.00.
ISBN: 9788124613177
Year Of Publication: 2025
Edition: 1 st
Pages : 603
Language : Hindi
Binding : Hardcover
Publisher: D.K. Printworld Pvt. Ltd.
Size: 21
Weight: 900
“मैंने कुछ शायरी २३-२४ साल की उम्र में लिखी थीं। फिर २५-३० साल तक कुछ नहीं लिखा। १९८७-८८ के दर्मियान मैं गीता का अध्ययन कर रहा था। मुझै लगा कि यदि सरलहिन्दी कविता में गीता का रूपान्तरण उपलब्ध हो तो अवश्य लोकप्रिय होगा। यह सोच कर मैंने गीता का हिन्दी पद्य में रूपान्तरण किया जो मेरे स्वर्गीय साले श्री कोमल चन्द्र अग्रवाल ने १९९८ में प्रकाशित करवाया। यह अनुवाद १९९१ तक समाप्त हो चुका था। मैंने तो प्रकाशन के बारे में सोचा भी नहीं था। भाई साहब(कोमल) को जब मेरे अनुवाद का पता चला, उन्होंने इसके प्रकाशन की ज़िम्मेदारी ले ली। यह पुस्तक डा० एस के भाटिया ने अपने रिलायेन्स पब्लिशिंग हॅाउस से प्रकाशित की। इसके लिए मैं, स्वर्गीय भाई साहब का परम आभारी हूँ। गीता का दूसरा संस्करण २००७ में डी के प्रिन्टवर्ल्ड ने प्रकाशित किया और अब काव्यकला का प्रकाशन भी वही कर रहे हैं।
१९९१ में मेरे शहर रॅाचेस्टर में एक कवि-सम्मेलन होने वाला था। मैंने भी हिम्मत करके कविता पढ़ने वालों में अपना नाम दे दिया। वहाँ पर पढ़ने के लिए मैंने एक हास्य रस की कविता लिखी जो लोगों को बहुत पसन्द आई। फिर मेरे पास कवि = सम्मेलनों में जाने के लिए बुलावे आने लगे और कुछ कवि सम्मेलनों में मैंने भाग लिया। किन्तु मैं एकाकी प्रकृति का इन्सान हूँ जो भीड़भाड़ से भागता है। एक मित्र जिनका नाम रमण कौल है, सलाह दी कि मैं एक ब्लॅाग लिखना शुरू करूँ। इस उत्तम सलाह के लिए रमण जी को बहुत धन्यवाद। उनकी मदद से मैंने काव्यकला (kavyakala.blogspot.com) नामक हिन्दी ब्लॅाग लिखना शुरू किया जो आपके हाथ में है।”
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