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Kautilya Arthashastra

Prachina Bharatiya Mulya evam Darshan by: Sushim Dubey

765.00

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Details

ISBN: 9788124609378
Year Of Publication: 2018
Edition: 1st Edition
Pages : xvi, 164
Language : Hindi
Binding : Hardcover
Publisher: D.K. Printworld Pvt. Ltd.
Size: 23
Weight: 550

Overview

कौटिल्य-अर्थशास्त्र प्राचीन भारतीय आर्थिक परम्परा का आधारभूत ग्रन्थ है। भारत का प्राचीन आर्थिक इतिहास सामाजिक संरचना, राजनीतिक मान्यताओं इस ग्रन्थ में जो प्रतिनिधिक वर्णन मिलता है, वह किसी भी अन्य ग्रन्थ में दुर्लभ है। सत्ता एवं शक्ति, न्याय एवं दण्डनीति, वार्ता एवं आन्वीक्षिकी, नगर-जनपद-ग्राम्य की संरचना से लेकर सुचारू अर्थव्यवस्था, स्वर्ण-नीति, मौद्रिक-नीति एवं लोक-कल्याणकारी तथा निष्टकण्टक राज आदि सिद्धान्त, कौटिल्य-अर्थशास्त्र को विश्व के आर्थिक इतिहास में महत्वपूर्ण ग्रन्थ के रूप में प्रतिष्ठित करते हैं। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में विषय-वस्तु की गहनता एवं ऐतिहासिक कालक्रम में उनका इदम्प्रथमतया प्रणयन कौटिल्य को विश्व में अर्थशास्त्र का पुरोधा घोषित करते हैं।

Contents

“ववषय-अनक्रु मविका
आभार
भूटमका
खण्ड-1 पशरचय
1.1 कौटिल्य एवं ‘अर्थशास्त्रम्’
1.2 ‘अर्थशास्त्र’ – अध्याय योजना
1.3 टवद्या-टववेचन
खण्ड-2 राजा (The King)
2.1 राज-चया (राजप्रटिटधिः)
2.2 इन्द्न्ियजय एवं षाड्गुण्य
खण्ड-3 समाज-नगर व्यवस्त्था (Town & Country
Planning)
3.1 नगर-दुगथ-जनपद
3.2 राजभवन एवं राजदरबार
3.3 कौटिल्य एवं विाश्रम व्यवस्त्र्ा
खण्ड-4 प्रर्ासन (Administration)
4.1 मंरी एवं सटचव (अमात्योत्पटििः)
4.2 गुप्तचरों की टनयुटि (गूढ़पुरुष प्रटिटधिः)
4.3 टवभागों के अध्यक्ष
4.4 वेतन एवं भिे
खण्ड-5 अथश-व्यवस्त्था (Finance)
5.1 ‘अर्थ’ पुरुषार्थ की महिा
प्राचीन भारतीय मल्ूय एवंदर्शन – भाग 1

5.2 राज-कोश
5.3 राज्य का आय-व्यय
5.4 स्त्विथ पर टनयंरि
5.5 िकसाल एवं मुिा-टनयंरि
5.6 राजकर
5.7 उधार, ब्याजी एवं साक्षी
खण्ड-6 न्याय-व्यवस्त्था (Judiciary)
6.1 दण्डनीटत
6.2 न्याय व्यवस्त्र्ा एवं दण्डसंटहता
6.3 न्यायपाटलका
6.4 अपराध शमन तर्ा टनयन्रि (कण्िकशोधन)
खण्ड-7 शवदेर्-नीशत (Foreign Policy)
7.1 कू िनीटत, संटध-टवग्रह एवं राज्यटवस्त्तार
वास्त्तु, नक्र्ा
Architectural Maps
Map: 1 कौटिल्य के अनुसार जनपद का वास्त्तु-टवन्यास
(Architecture Planning of District according to
Kautilya)
Map: 2 कौटिल्य के अनुसार नगर का वास्त्तु-टवन्यास
(Architecture Planning of City)
Map: 3 कौटिल्य के अनुसार दुगथ का वास्त्तु-टवन्यास
(Architecture Planning of Fort)
Map: 4 कौटिल्य के अनुसार राटनवास, दरबार तर्ा मंरालयाटद
(Architecture Planning of Palace, Court and
Ministry)
Map: 5 मुख्य गािटनकी कायालय वास्त्तु
(Planning of Accountant General Office)
Map: 6 राज कोश वास्त्तु
(Architecture Planning of Royal Treasury)
Map: 7 टवटशखा का वास्त्तु टवन्यास
(Architecture planning of Gold Market & Office)
कौटिल्य अर्शर्ास्त्र
शचर, ग्राफ
(Figure and Graphs)
Figure: 1 कौटिल्य के अनुसार टवद्याएँ
Sciences for learning
Figure: 2 अक्षपिल तर्ा टवभागों में सम्बन्ध
(Relation between Auditor’s Office and Departments)
Figure: 3 कौटिल्यके अनुसार दण्ड
(Punishment)
Figure: 4 टववादार्थ टनिथय के आधार
(Basis of Judgments)
Figure: 5 राज-अनुशासन के चार घिक
(Four factors of RULING)
Figure: 6 दण्ड के प्रकार, साहस
(Kinds of Punishments, Definition)
Figure: 7 न्याय प्रटिया : नगर एवं ग्राम
(System of Law and Order : City and Village)
Figure: 8 न्याय-प्रटिया
(Process of maintaining Law and Order)
Figure: 9 न्याय-टवषय एवं अपील का पदानुिम
(Subject matter and hierarchy of appeal)
Figure: 10 षड् प्रकृ टतयाँ
(Six kinds of neighboring States)
Figure: 11 चार मण्डल
(Four types of Mandals)
सारशियााँ
(Tables)
Table: 1 राजा की टदन-चया
(Living Routines for a KING prescribed by Kautilya)
Table: 2 राजा की राटर-चया
(Living Routines for a KING prescribed by Kautilya)
Table: 3 राजा के टलए षाड्गुण्य
(Six Basic Qualities for the KING)
Table : 4 नगर, जनपद एवं दुगथ के शीषथ अटधकारी
(Highest officials of City, District and Fort)
Table : 5 अमात्योत्पटि
(Criterion for appointing the Councilors
प्राचीन भारतीय मल्ूय एवंदर्शन – भाग 1
Table : 6 अचल संस्त्र्ा (गूढ़ पुरुष)
(Static Investigation Agency)
Table : 7 वेतन व्यवस्त्र्ा : राजकीय एवं अन्य कमथचारी
(Payment Structure : Royal and Public)
Table : 8 आय-शरीर
(State Income Sources)Table : 8 व्यय-शरीर
(State expenditure Sources)
Table: 9 ताँबे का पि टनमाि तर्ा धातु-अंश
(Mint : Standards for minting Copper Coins)
Table: 10 चाँदी का पि टनमाि तर्ा धातु-अंश
(Mint : Standards for minting Silver Coins)
Table : 11 राज कर तर्ा प्रटतशत
(Tax and its Percentage)
Table : 12 ऋि तर्ा ब्याज
(Loan & Interest Percentage in Arthasastra)
Table: 13 दण्ड का पटरमाि
(Crimes : Punishments types)”

“Kautilya Arthashastra”

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